दुनिया के पांच देशों में दूध देने वाले पशुओं की संख्या मनुष्यों की संख्या से अधिक है। सबसे ज्यादा पशु 12 मिलियन उरगुवै (ब्राजील के पास का देश) में हैं। वहां की जनसंख्या 3 मिलियन है। अर्थात वहां प्रति मनुष्य 3.5 पशु हैं।
न्यूजीलैण्ड में 10 मिलियन पशु हैं तथा 4.5 मिलियन मनुष्य हैं इस प्रकार वहां प्रति मनुष्य 2 पशु हैं। अर्जेन्टाइना में 52 मिलियन पशु हैं तथा 40 मिलियन मनुष्य हैं इस प्रकार यहां प्रति मनुष्य करीब 1.3 पशु हैं। आस्ट्रेलिया तथा ब्राजील में करीब जितने पशु हैं उतने ही मनुष्य हैं। आस्ट्रेलिया में मनुष्यांे की आबादी 24 मिलियन है तथा ब्राजील की आबादी 200 मिलियन है। भारत में 300 मिलियन पशु है तथा आबादी 1250 मिलियन है। इस प्रकार यहां मनुष्यों की संख्या अधिक तथा पशुओं की संख्या कम है। यहां पर 4 आदमियों पर एक पशु है। विभिन्न देशों में पशु मनुष्य के अनुपात को तालिका में दर्शाया गया है। जब हम अपने देश से किसी देश की तुलना करते हैं तब यह आंकड़े भी मस्तिष्क में रखने चाहिए। यहां यह बताना भी तर्क संगत होगा की भारतवर्ष में तीन मिलियन वर्ग किलोमीटर भूमि है तथा ब्राजील में 8 मिलियन वर्ग किलोमीटर भूमि है।
यहां यह भी समझ लेना चाहिए कि हमारे देश में पशुओं को केवल दुग्ध उत्पादन के लिए ही रखा जाता है तथा बेकार जानवरों को मांस के उपयोग में लाया जाता है। ब्राजील, अर्जेंटाइना, आॅस्ट्रेलिया तथा उरगुवे में पशुओं को मांस के लिए उत्पादित किया जाता है। खाल वहां का मुख्य व्यवसाय है। इन देशों की अर्थव्यवस्था मांस के बेचने पर निर्भर है। ब्राजील में नैलोर जाति के गौवंशी पशुओं से देश के उत्तरी भाग में मांस उत्पादित किया जाता है। भारतवर्ष से गिरी गायों को ब्राजील मांस उत्पादन के लिए ले जाया गया था परन्तु वहां कुछ गिरी गाय विदेशी नस्ल की संकर गायों से अधिक दूध दे रहीं हैं। जिनका बीज व सांड बेचकर ब्राजील अच्छा खासा धन अर्जित कर रहा है। भारतवर्ष के गुजरात में विभिन्न कारणों से गिरी गायें लुप्त होने की कगार पर हैं। गुजरात, पंजाब से एक लाख हाॅलिस्टीन गाय प्रतिवर्ष मंगाकर अपने प्रदेश के दुग्ध उत्पादन में कीर्तिमान स्थापित कर रहा है।