अफ्रीका में साहिवाल नस्ल
उत्तरी अफ्रीका में यह नस्लकेन्या, जमाइका, ग्वाना, बुरूण्डी, सोमालिया, साहिरा, लोनी एवं नाइजीरिया में दूध तथा मांस के लिए प्रचलित हैं।केन्या में यह नस्ल 12 गायो तथा 60 सांडों से शुरू हुई जो कि 1939 और 1963 के बीच में आयात की गई। उत्तरी अफ्रीका में साहिवाल का प्रचलन कीनिया से ही होता है। केन्या... read moreजर्सी एवं हाॅलस्टीन गाय की तुलना
दूध बेचने के लिए हाॅलस्टीन गाय से अधिक लाभ मिल जाता है। हाॅलस्टीन गाय 25 लीटर तक प्रतिदिन दूध देने की क्षमता रखती है, कुछ गाय तो 40 लीटर तक भी दूध देती हैं। जर्सी गाय का दूध अधिक वसा वाला होता है। जर्सी गाय भूसे व दाने पर भी पाली जा सकती हैं और…
read moreजर्सी गाय से संक्षिप्त परिचय
जर्सी गाय जर्सी आयरलैण्ड से है जो कि इंग्लैंड के पास है। ये गाय हाॅलिस्टीन से छोटी होती है और सूखे चारें एवं दाने पर रह जाती है।
read moreभैंस का इतिहास
भैंस महिस का अभ्रंस है। महिसासुर का वर्णन काफी आता हैं, कुछ लोग महिसासुर की पूजा भी करतें है। कहा यह भी जाता है। कि यमराज की सवारी भी भैंसा ही है। दक्षिणी भारत के आंध्र प्रदेश में महिसामती तथा महिसा मण्डल नाम के स्थान भी है। भैंस का दुग्ध उत्पादक पशु के रूप में…
read moreहोल्सटीन फ़्रिजन गाय का इतिहास
इतिहास यह गाय 2000 वर्ष से नीदरलैण्ड़ से विकसित हुई है। यह गाय वीटाविनस गाय जो की काली होती है। तथा एफ.आर. आई.ई.एन.एस. जो कि सफेद रंग की होती है, से बनाई गई है। यह गाय नीदरलैण्ड से अमेरिका 1861 तक ले जाई गई। 1885 में एच.एफ. एसोएसन आॅफ अमेरिका बना। 1994 हाॅलिस्टीन एसोशियेशन यू.एस.ए. बना।…
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