कुत्तों में पारवो (Parvo)
यह एक भयंकर अति संक्रामक रोग है। इसका वायरस सारे शरीर में विभाजित होता है परन्तु इसकी संख्या सबसे आंतों में बढ़ती है। यह डब्लूवीसी (WBC) को भी हानि पहुंचाता है।और छोटे बच्चों में यह दिल की बिमारी भी करता है। लक्षण जानवर उल्टी करता है और उसके मल मे खून आता है। और पानी…
read moreकुत्तों में रेबीज रोग (Rabies)
इसका विषाणु कुत्ते, बिल्ली और मनुष्य के दिमाग पर प्रभाव डालता है। विश्व में इस रोग से लगभग 50 हजार मनुष्य प्रतिवर्ष मरते है। लक्षण इस रोग में कुत्ता बेचैन हो जाता है। तथा हर जीव को काटना शुरु कर देता है। तथा कुत्ता आवाज व प्रकाश से असंवेदनशील हो जाता है। तथा वह बेकार…
read moreकुत्तों में लेप्टोस्पायरोसिस रोग
यह एक मनुष्यों से कुत्तों में और कुत्तों से मनुष्यों में फैलने वाला रोग है। इस रोग में गुर्दे प्रभावित होते है। इस रोग में कुत्ता खाना नहीं खाता है। उल्टी करता है, उसके पेट में दर्द होता है। और उसे बार-बार पेशाब आता है। इसमें गुर्दे फेल हो जाते है। तथा कुत्ते का जिगर…
read moreकुत्ते में हिपोटाइटिस रोग
हिपोटाइटिस या जिगर का रोग कुत्ते की सबसे घातक रोग है। इसका जीवाणु CAV1 कहलाता है जिसका पूरा नाम कैनाइन एडिनो वायरस टाइप1 है। यह एक वर्ष से कम उम्र के कुत्ते के उन बच्चां को होती है जिनका टीकाकरण नहीं होता है। लक्षण इसमें 106 डिग्री तक बुखार हो जाता है। इस रोग से…
read moreकुत्ते में डिस्टैम्पर रोग (Distemper)
यह एक छूत वाली विषाणु द्वारा फैलने वाली भयंकर रोग है। इसका विषाणु आदमी में होने वाले खसरे के विषाणु से मिलता है। यह कुत्तों के बच्चों का भंयकर रोग है। तथा यह बिना टीकाकरण करायें हुए दूसरे कुत्तों को भी लग सकता है। यह पेट तथा फेफड़ों को लगने वाला रोग है। यह कभी-…
read moreकुत्तों में लगाये जाने वाले टीके
आजकल नॉन एडजूवेन्ट वैक्सीन (अर्थात जीवाणुओं के साथ मिनरल ऑयल मिला दिया जाता है जिससे प्रतिरोधक क्षमता तेजी से विकसित होती है) का अधिक प्रयोग होता है। क्योंकि एडजूवेन्ट वैक्सीन से रियक्सन हो जाते है।
read moreटीकाकरण का इतिहास
इंग्लैण्ड के डॉक्टर जीनर ने सन् 1896 में यह देखा कि जब गायों में माता का रोग होता है तथा जो ग्वालिन उनके दूध निकालने से उनके हाथों में हल्के छाले हो जाते है। तथा इन ग्वालिनो को आदमी में होने वाला पोक्स का भयंकर रोग नही लगता है।
read moreकुत्ता पालने का शौंक एवं सावधानियाँ
कुत्तों के सौन्दर्य प्रसाधन एवं ईलाज के लिए काफी चिकित्सालय खुलते जा रहे है। जहां कि टीकाकरण एवं वाहृ एवं आंत्रिक परजीवियों, एलर्जी, खाल के रोग आदि का उपचार कराना आवश्यक है क्योंकि यह रोग वुफत्तें से मनुष्य में पैफल जाते है और इससे मनुष्य के जीवन को भी खतरा हो सकता है। जैसे…
read moreमुर्गी पालन के विषय में सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. कडकनाथ मुर्गी रखने के लाभ क्या है? उत्तर: इस मुर्गी को रोग बहुत कम लगते है। प्रश्न 2. यह मुर्गी 1 वर्ष में कितने अंडे देती है? उत्तर यह मुर्गी 1 वर्ष में 150 अंडे देती है जबकि फार्म की मुर्गी 300 अंडे देती है। प्रश्न 3 इस मुर्गी को उत्तराखण्ड में कहां…
read moreसंधारणीय (Sustainable) कृषि में केंचुओं का योगदान
यद्यपि केंचुआ लंबे समय से किसान का अभिन्न मित्रा हलवाहा (Ploughman) के रूप में जाना जाता रहा है। सामान्यतः केंचुए की महत्ता भूमि को खाकर उलट-पुलट कर देने के रूप में जानी जाती है जिससे कृषि भूमि की उर्वरता बनी रहती है।
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