मच्छरो के काटने से एपीमीरार बुखार तथा टिप्पेनोसोमा की बीमारी गायो को हो जाती है। मक्खी सभी रोगो को फैलने का कार्य करती है। मक्खी दूध दुहान की जगह सबसे अधिक होती है। उनके वजह से दूध की गुणवता खराब हों जाती है। इसके लिए निम्नलिखित उपाय है।
- गायो को खुले बाड़े में रखे।
- प्रति पशु 100 वर्ग फीट का स्थान दे जिसमें पानी चारा तथा धूप छाया जाने में स्वतन्त्र रहे।
- गोशाली का शेड आधे स्थान में इतना ऊचा हो कि उसमें प्रत्येक स्थान पर धूप पडे शेड को पूर्व पश्चिम दिशाए में बनाए।
- गाय जुगाली करते वक्त 500 से 700 लीटर गैस निकलती है। जिसमें कार्बनडाइ आक्साइड प्रमुख गैस हैं। यहा गैस गायो के पास मच्छरो को आकर्षित करती है इस वजह से वाडे में वायु के चारो तरफ संचार का प्रवधान रहना चाहिए।
- गोशाला का तपोक्रम 25 डिग्री से अधिक नही होना चाहिए इसलिए गोशाला में फोगर लगाये एवं तेज गाति से चलने वाले पखे पृथ्वी के समान अन्तर 10-10 फीट पर ऊंचाई पर लगाये।
- अपने डेरी फार्म में सौ ऊर्जा से चलने वाले पंखे लगने की प्रयन्त करे क्योकि गर्मी के महीनो में बिजली जाने पर दूध उत्पादन में बडा नुकसान हो जाता है। इसलिए जनैटर भी रखे।
- शेड को तथा गायो को क्लीनर का जिडकाव करे जिससे मक्खी नही आयेगी तथा जो मच्छर गायो पर बैठेगे वह उसके असर से मर जायेगे।
- फोर ओन (क्लीनी) मरने वाली दवाईयो से इस्तमाल से डास तथा मक्खी मच्छर नही लगते ।
- गायो के वाडे में मच्छरो मक्खी को भगाने के लिए धुआ ना करे पहले ही गाय कार्बनडाइ ऑक्साइड निकाल रही है।
- जो पशु दूध नही दे रहे ओर ग्वान है उन्हे हाइटेक का इन्जक्शन लगवाये।
- आप गाय के बाड़े में परदे तथा जली कदापि ना लगाये ऐसा करने से हवा के स्वतन्त्र प्रभाव में रूकावट आती है एवं उसे उत्पादन कम होता है।
- मच्छर मक्खी के प्राकृतिक नियन्त्रत के लिए गिनीफाउल पाले, गिनीफाउल मक्खी मच्छर चूहा, दीमक, कोकरोज तथा सांप झछूदर को खा जाते है गिनीफाउल का चित्र नीचे दिखाया गया है।
Sir.. Uttar Pradesh ke Ghazipur me best milk producing semen kaha se parapt kare??..