गाय बियाने के तीन महीने के भीतर प्रायः गर्भधारण कर लेती है। जब वह सात महीने की गर्भित रहती है,
तब थन की दूध देने वाली कोशिकाओं को आराम देना जरूरी है। इस तरह विराम के बाद नई कोशिकाओं का उदय होता है। यह कोशिकाएॅं दस महीने तक भरपूर दूध का संयोजन करती हैं। प्रायः यह देखा गया है कि पशु दूध देते-देते बिया भी जाते हैं, जिससे पशु पालक को बाद में काफी हानि उठानी पड़ती है। यदि पशु की क्षमता 16 लीटर प्रति दिन दूध देने की है तो वह केवल आठ ही लीटर दूध देती है। इसलिए पशु कितना भी दूध देता हो, सात महीने के गर्भधारण में उसका दूध बंद करवा देना चाहिए। दूध बंद करने पर जो दो किलो दाना तथा चारा पशु को दिया जाता है, उस दाने और चारे के तत्वों को वह अपने शरीर में संग्रहित करके रख लेता है। और फिर जब पशु बियाता है, तो वह जितना खाता है, उससे ज्यादा दूध देता है। इस तरह वह ज्यादा दूध बनाने वाले तत्वों को अपने शरीर में दो महीनों में इक्ट्ठे कर रख लेता है।
गाय से अधिक दूध लेनें के लिए यह आवश्यक है कि ब्यांने से पहले 60 दिन (2 माह) उससे दूध ना निकालें। ऐसा करने से ब्यांने पर पशु प्रचूर मात्रा में दूध देता है क्योंकि ऐसा करने से पशु का हाजमा दुरूस्त हो जाता है। जो कि दूध देते हुए अधिक दाना देने के कारण कमजोर हो जाता है। 2 माह तक दूध न निकालनें से खुरों की हड्डियां भी मजबूत हो जाती है। यदि अगर ब्यातें वक्त तक दूध निकाला जाता है तो वह पशु अपनी क्षमता का 25 प्रतिशत कम दूध देता है। दूध रोकने के लिए 1 सप्ताह में धीरे-धीरे दाना कम करके एकदम दूध निकालना छोड़ देना चाहिए। तथा इसके चारों थनों में एक-एक ट्यूब Cepravin MSD कम्पनी का चढ़ा देना चाहिए। लेकिन अगर पशु को मैस्टाइटिस हो जाये तो उसका इलाज करना चहिए। 60 दिन के दूध न निकालने के समय में पहले 14 दिन में पुरानी सेल सिकुडकर खत्म हो माती हैं तथा अगले 32 दिन तक नई सेल बनकर पूरी हो जाती है। तथा आखिर के 14वें दिन में सैल खीस बनाना शुरु कर देती हैं। इस प्रकार 14+32=60 दिन पूरे हो जाते है। फिर बच्चा देने के बाद अधिक दूध देने लगता है। Cepravin MSD ट्यूब पूरे 60 दिन तक अपना असर दिखाती है और थन को खराब होने से बचाकर एक स्वस्थ थन का निर्माण स्वस्थ्य गाय में करता है। जिससे कि हमें अधिक दूध बेचकर अधिक लाभ प्राप्त होता है।
Cow ka dudh nahi sukh rha hai
Gaay Ka dudh kaise sukhaye