पशु में पेट फूलना (Flatulence and Bloat in Cow)

कभी-कभी पशु का पेट फूलना शुरू हो जाता है। इस पर समय से ध्यान नहीं दिया गया और उसे रोका न गया तो पशु मर भी सकता है।

पेट फूलने का सीधा दबाव दिल पर पड़ता है। ऐसे में इमरजैंसी में अलसी का तेल पिलाएं एवं ब्लूटोसिल की एक बोतल पिलाएं। फिर उसे पशुचिकित्सक को दिखाएं। इस समस्या में पशु चिकित्सक द्वारा पशु के बांए पेट पर छेद कर हवा निकाली जाती है।

पांच महीने की आयु पार होने के बाद पशु का Rumen बन जाता है. जब rumen बन जाता है ताब उसका पेट चारे मैं अचानक बदलाव के कारन फूलना शुरू है। जो rumen से वायु निकलने का द्वार होता है, जिसे cardia कहते हैं , वह बंद हो जाता है। जिससे से जो जुगाली के साथ पेट की गैस निकलती रहती है वह नहीं निकलती। ऐसा अक्सर ओस पड़े हुए हरे चारे को खिलने या अधिक मात्रा में गुड़ खिलने से या किसी भी प्रकार के उनके भोजन में अचानक बदलाव के कारण हो सकता है।

यदि अगर किसी पशु को रहन नहीं मिलती तो पशु के बायीं कोक मैं trocar से छेद कर के गैस को निकल दिया जाता है। अन्यथा पशु की मृत्यु भी हो सकती है। Trocar से वायु को निकलने का चित्रण नीचे किया है

http://extensionpublications.unl.edu/assets/html/g2018/build/g2018.htm

Watch the video I am sharing some tips to overcome the problem of bloat in Dairy Cow.

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Comments ( 1 )
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  • Rohit Singh

    Buffalo ke gash ki dava