देश में ‘लाइव स्टाॅक डेवलपमेंण्ट बोर्ड’ द्वारा यूरिया, सीरा और नमक की चाटन भेली उपलब्ध है।
यह भेली 30 या 40 रूपये की आती है। इसको चाटकर पशु अपने दाने की कमी को पूरा कर सकते हैं। आप सम्बन्धित विभाग से यह भेली प्राप्त करके लाभ उठा सकते हैं। वैसे गाय-भैंस को सौ ग्राम तक यूरिया धीरे-धीरे चारे पर स्प्रे कर खिलाया जा सकता है या दाने में मिलाकर दिया जा सकता है। सौ ग्राम यूरिया डेढ़ किलो खल के बराबर होती है।
सौ ग्राम यूरिया की कीमत करीब एक रूपया है, जबकि डेढ़ किलो खल की कीमत करीब 40 से 50 रूपये होती है। यूरिया आप पांच महीने से बड़े बच्चों को चारे पर छिड़ककर खिला सकते हैं। 100 किलो ग्राम भूसे पर एक किलो यूरिया 60 लीटर पानी में छिड़क सकते हैं। यूरिया को आप सूखे भूसे के साथ भी प्रयोग कर सकते हैं, परन्तु अगर पशु को प्रचुर मात्रा में हरा चारा मिल रहा हो तो उसे यूरिया से कोई खास लाभ नहीं होता है। यदि पशु कभी ज्यादा यूरिया खा ले तो आप उसे तुरन्त सिरका पिलाएं। यूरिया थोड़ा-थोड़ा खाने से कोई विशेष हानि नहीं होती परन्तु यदि पशु यूरिया का घोल पी जाये या यूरिया की बोरी में से ही यूरिया खा ले, तो वह तुरन्त मर भी सकता है। इसलिए यूरिया को खिलाने में अत्यन्त सावधानी बरतनी चाहिए। यूरिया के स्थान पर कबूतर या मुर्गी की बीट का भी सफल उपयोग करते देखा गया है।
बिहार के गावो के किसानो के मिति जच के ब्याव्स्था नही है। इसलिये किसानो को मालुम ही नही है की खाद की कितनी समुचित मात्रा खेतो मे डालनी चाहिये।यह उत्पादकता पर असर डालती है और किसान परेशान जो जाता है। अत इसकी ब्यवस्था होनो चाहिए।
यह विचारणीय विषय है इसलिए इसपर विचार होनी चाहिए।
यह एक श्रेष्ठ विचार है जो आज भी गाँवो में किसान को इसके विषय मे पता नही है …