गायों में गर्भपात की समस्या
गाय में गर्भपात चित्र 7.1
प्रायः गाय छठवें महीने में गर्भपात करती हैं। छठे महीने का गर्भपात ‘बूर्सेलोसिस’ की वजह से होता है। गर्भपात के और भी कारण हो सकते हैं। जैसे आनुवंशिक अथवा जैनेटिक या फिर गर्मी के कारण। यह रोग गाय, भैंस से मनुष्यों में फैल जाता है। यह रोग गाय भैंस की जेर से काफी समय तक असर करता है एवं और प्शु भी इससे प्रभावित हो सकती है। इस रोग की पुष्टि किसी अच्छी लैब से कराएं और ऐसे पशु की लम्बे समय तक अपने चिकित्सक से उपचार कराऐं। ऐसे प्शु को अलग रखों क्योकि यह रोग दूसरे पशु में भी फैलता है। इस रोग टीका भी उपलब्ध हैं जो कि इंडियन इमोलोजिकल कम्पनी से प्राप्त करें।
जेर का रूक जाना
यह ‘बूर्सेलोसिस’ के कारण भी हो सकती है। यदि गाय- भैंस को अच्छी गुणवत्ता वाले मिनरल नहीं खिलाते तो जेर रुकने की समस्या बन जाती है। वैसे यदि गाय सावन या भादों में ब्याति है तो जेर रुकने की सम्भावना अधिक होती है लेकिन बच्चे को ब्यांने के तुरंत बाद दूअवश्य पिलाना चाहिए एवं दूध पिलाने के लिए जेर रुकने का इंतजार नहीं करना चाहिए। जेर रुकने के बाद बच्चेदानी के पकने की संभावना अधिक होती है इसलिए अपने पशुचिकित्सक से उपचार कराऐं। जेर की समस्या के लिए पशु को सिलिनियम और विआमिन ई अवश्य दें।
प्लेसन्टा या जेर का रूक जाना चित्र 7.2
फूल निकलना
इस रोग में पशु के गाभिन होने के बाद उसका गर्भाशय बाहर निकल आता है। बच्चेदानी’ फट सकती है। इसके उपचार के लिए गर्भाश्य पर असर करने वाले आधुनिक एंटीब्यटिक जैसे सिफोपरजोन या सैफ्टीयोफोर अर्थात टिफरोसैफ या गार्ड प्लस के इंजेक्सन पशु चिकित्सक से लगवाऐं।
बेल निकलना
इसमें भी पशुचिकित्सक से उपचार कराऐं। यह समस्या गंभीर होती है।
नवजात बच्चों के रोग
- आंत्रिक तथा वाहय परजीवियों से बचाव।
- काॅफस्कोर (दस्त लग जाना)।
- नेवल इल (जोड़ों का सूझ जाना)।
- निमोनियां
- थिलेरिया।
आन्तरिक परजीवियों के लियेः
PIPRAZINE (Virbac) हर माह दें। इसकी खुराक के लिए पशु चिकित्सक से सम्पर्क करें। या Panacure की 150 उह की गोली दें। गर्भवती गाय या भैंस को 5वें तथा 7वें माह में दवाई देने से नवजात बच्चे के पेट में कीडें नही होते है। वाहय परजीवियों के लिए पशुचिकित्सक की सलाह लें।
काॅफ इस्कोरः
इसमें गाय के बच्चे को सफेद रंग दस्त छूट जाते हैं और इस तरह शरीर में पानी की कमी होने से उसकी अकसर मृत्यु हो जाती है। इसलिए उसे इलैक्ट्रोलाइट का घोल पिलाएं एवं यह रोग पशुचिकित्सक द्वारा एंटीबायोटिक देने पर ठीक हो जाता है।
नेवल इलः
(जोड़ों का सूझ जाना)ः यह नाल गलत तरीके से काटने पर संक्रमण के कारण होता है। इस रोग का शीघ्र ही उपचार कराऐं अन्यथा बच्चे के पैर खराब हो जाते है। जैसा कि चित्र में नीचे दिखाया गया है।
निमोनियां का रोगः
यह फेफडे की बीमारी है तथा यह बरसात के बाद जाडे में अधिक होती है। इस रोग में तेज बुखार होता है एवं नाक और आंख से पानी गिरता है। यदि यह बीमारी एन्टीबायेटिक से ठीक न हो तो फेफडों के कीडों की दवाई जांच कराकर दें।
थिलेरियाः
हाॅलिस्टीन तथा जर्सी के बच्चे थिलेरिया रोग से मर जाते है यह रोग बच्चों में वाहय परजीवियों न होकर मां के पेट से आ जाता है ओर 2 माह से कम उम्र के बच्चों में मृत्यु का कारण बनता है इसलिए खून जांच कराकर तुरन्त ब्रुपारवा कुनैन का इंजेक्सन पशुचिकित्सक सक लगवाएं। थिलेरिया के ब्लड की स्लाइड नीचे दिखाई गई है।
सूक्ष्म दर्शी में थिलेरिया के खून की सलाइड
थनैला या मस्टाइटिसः
यदि आप अपनी गाय को एबीएस (अमेरिकन ब्रीडिंग एसोसेसन) या सालोन से उपलब्ध कम सोमैटिक सैलकाउंट वाले वीर्य से गर्भित करा रहे है तो मस्टाइटिस की समस्या कम होती है। इसके अलावा आप जब अपनी गाय को 60 दिन पर ड्राई करें तो थनो में सिपराविन (एमएसडी) की ट्यूब चडाऐं। या सिपराविन में सिफोलोनिम हाइड्रेट यौगिक होता है जो कि 70 दिन तक जीवाणुओं को नही आने देता है। फिर भी यदि ब्यांने के बाद मस्टाइटिस हो जाती है, तो फ्लूनिकसिन मैग्लूमाइन (फिनाडाइन, एमएसडी) का प्रयोग करें इसके प्रयोग से पोस्टाग्लैडिन द्वारा पशु में आये हुए बुखार में कमी आती है। एवं जो इंडोटोक्सिन थन की कोशिकाओं को मारते हैं वह खत्म हो जाते है। तथा अपने प्षु चिकित्सक से उपचार कराऐं। जीवाणुओं को मारने के लिए मैमीप्रोटैक्ट विरबैक या इलिंट्रा एमएसडी या काॅबैक्टान एमएसडी का प्रयोग थन में प्षुचिकित्सक की सलाह से करें।
हाॅलिस्टीन एवं जसीं गायों में 3 में से 1 गाय को मस्टाइटिस होती है। इसलिए अधिक दूध देने वाली गायों में सोमैटिक सेलकाउंट तथा कैलीफोरनिया मस्टाइटिस की साहयता लें।
गाय में निमोनिया
फेफडों में संक्रमण होने के कई कारण हो सकते है जैसे बैक्टीरिया इसके लिए गलघोटू का टीका लगाकर रोका जा सकता है। बबेसिया तथा थिलेरिया में भी फेफडों का संक्रमण हो जाता है। यदि तापक्रम शून्य से कम होता है या वर्षा के बाद तेज हवा चले तो उस अवस्था में भी गायों को निमोनिया हो सकता है। जब गायों के फेफडे किसी भी कारण से संक्रमित होते है, तो उन्हें ग्लूकोज नहीं चढाना चाहिए। इस रोग की दवाई नीचे लिखी गई है। तथा बबेसिया एवं थिलेरिया की खून से जांच कराकर उपचार कराऐं।
गाय को निमोनिया
Fortivir (Virbac) या Floxidin LA का इंजैक्शन लगवायें।
LA का इंजैक्शन लगवायें। तथा Antibiotic तथा बुखार की कोई भी दवाई काम करती है।
गाय का पेट फूलना
एक गाय दाना-चारा खाकर 500 से 700 लीटर गैस प्रतिदिन बाहर निकालती है। यह गैस गाय के जुगाली करते समय बकिलो0र निकलती है। गाय को संतुलित अकिलो0ार न देने पर यह गैस तेजी से बनती है। जैसे शु़द्ध बासिम एवं अधिक मात्रा में गुड़, चीनी या चावल खिलाने से यह गैस तेजी से निकलती है। यह गैस मुंह से निकलने से पहले फेफडों में जाती है। यदि पेट फूलना का ईलाज समय से न करवाने पर गाय की मृत्यु भी हो सकती है।
यह गैस अचानक किसी भी समय कई गायों को एक साथ हो सकती है। इसलिए इसकी दवाई गौशाला में हर समय उपलब्ध होनी चाहिए। यदि गैस न निकले तो पशु चिकित्सक को बुलाकर रिमयूमन् में छेद कर तुरन्त निकाल देना चाहिए। कभी-कभी पशु का पेट फूलना शुरू हो जाता है। इस पर समय से ध्यान नहीं दिया गया और उसे रोका न गया तो पशु मर भी सकता है। इसमें Gastina (Virbac) दे अधिक पेट फूलने पर डाॅक्टर से उपचार कराएं। Brotone Vet (Vibac) पिलाए तथा एवं बलोटोसिल पिलाएं। यदि आप Rumicare का हफते मे एक बार प्रयोग करते है तो पेट फूलने की समस्या कम बाती है यह पशु को कभी भी हो सकता है इसलिए इसकी दवाई हमेशा पास मे रखें। हमेशा रखें क्योकि यह कभी भी हो सकता है । तथा अपने पशु चिकित्सक से सम्पर्क करें।
डायरिया (पशु को दस्त लगना)
यदि पशुओं को दस्त की अवस्था में । पशु का चारा या दाना बदलना, अन्तरिक परजिवियो का होना, जिगर के कीडे का होना तथा कीटनाश्क तथा खरपात नाश्क से उपचरित चारा खाने पर पशु को दस्त लग सकते है। थैलिरिया बबेसिया के रोग में भी पशु को दस्त लग जाते है।
इसलिए यदि अगर साधारण उपचार से दस्त बन्द न हो तो आप गोबर तथा खून की जंाच आवश्यक कराये। कभी कभी बोबइन वारयल डायरिया भी हो जाता है जोकि पशुओ के लिए बहुत घातक है तथा आप अपने पशुओ को बीबीडी से टीका लगवाए। डायरिया मे निम्न दवाइयाँ दे सकते है व पशुचिकित्सक से सम्पर्क करें।
- BALANSOL (Vibac) दो ली. पानी मे रोज पिलाए।
- FORTIVIR injection (Virbac) या FLOXIDINE LA (MSD) एक बार लगवाए
सर मेरी गाय AI करणे के बाद बार बार रिपीट हीट पार आती है काय करे