Theileria in exotic cows
In India per year 146 MT milk is produced . However, 50% of it coming from buff, 25% of desi cow and goats and 25% from cross breed cows of North American
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In India per year 146 MT milk is produced . However, 50% of it coming from buff, 25% of desi cow and goats and 25% from cross breed cows of North American
दूध के बारे जानने योग्य तथ्य दूध सदियों से ही सबसे अधिक पौष्टिक तत्व रहा है।
दूध में फैट को चैक करने एवं क्रीम निकालने की मशीन का अविष्कार मिल्किंग मशीन से पहले हुआ था। 19वीं शताब्दीके आरम्भ तक यह सोचा जाता रहा कि मिल्किंग मशीन को लगाने से गायों को बहुत हानि होगी। 19वीं शताब्दी तक दूध निकालने के लिए लौहे या हड्डी की टयूब थन में लगाई जाती थी…
जब कृषि विकास की बात की जाती है तब अनाज, फल और सब्जियों के उत्पादन की बात की जाती है परन्तु हाॅलिस्टीन तथा जर्सी गायों के अति हिमकृत बीज से बहुत सी ऐसी गाय उत्पन्न हो गई है जो कि 15 से 30 लीटर दूध प्रतिदिन बडे आराम से दे देती है और कृषक अनाज,…
दुनिया के पांच देशों में दूध देने वाले पशुओं की संख्या मनुष्यों की संख्या से अधिक है। सबसे ज्यादा पशु 12 मिलियन उरगुवै (ब्राजील के पास का देश) में हैं। वहां की जनसंख्या 3 मिलियन है। अर्थात वहां प्रति मनुष्य 3.5 पशु हैं।
आज-कल डेयरी उधोग में गोबर हटाने मशीन उपलब्ध है। इसके लिए विशेष प्रकार की डेयरी बनाई जाती हैं जिसकी लागत 10 लाख रुपये के आस-पास आती है।
गाय बेशक दूध की ‘ए.टी.एम’ यानि आटोमेटिक मशीन की तरह है। मगर ध्यान रहे अगर इसे दुहने वाला अनाड़ी है तो ये जादुई मशीन बेकार भी हो सकती है। अगर ढंग से दूध नहीं दुह पाये तो वह धीरे-धीरे दूध देना ही बंद कर देगी।
देश में ‘लाइव स्टाॅक डेवलपमेंण्ट बोर्ड’ द्वारा यूरिया, सीरा और नमक की चाटन भेली उपलब्ध है।
सब्जी मंडी में जो सब्जी मनुष्यों के खाने लायक नहीं रहती, पशु को खिलाना अच्छा होता है। फलों का जूस निकालने के बाद बचा गूदा भी पशुओं के लिए लाभदायक होता है और गूदा का सदुपयोग भी हो जाता है।
आवास संबंधी ध्यान देने योग्य बातें