अद्भुत पशु
यह लक्ष्मी भैंस सन् 2013 में 25 लाख रुपये में हरियाणा से आंध्र प्रदेश को बेची गई गई। इस हाॅलिस्टीन गाय ने नूरपुर हकीमा, मोगा, पंजाब की दग्ध प्रतियोगिता में 66.7 लीटर दूध है।
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यह लक्ष्मी भैंस सन् 2013 में 25 लाख रुपये में हरियाणा से आंध्र प्रदेश को बेची गई गई। इस हाॅलिस्टीन गाय ने नूरपुर हकीमा, मोगा, पंजाब की दग्ध प्रतियोगिता में 66.7 लीटर दूध है।
आजकल दुनियां में ऐसी तकनीक भी विकसित कर ली गई है कि पशु के कान से कुछ कोशिकाएं लेकर पूरा पशु तैयार किया जा सकता है। यह प्रक्रिया ठीक उसी प्रकार से है जैसे हम फोटो काॅपी द्वारा किसी पत्र की ठीक वैसी ही काॅपी तैयार कर लेते हैं। कोशिकाओं से बनी हुई गाय उसी…
हाल में व्याही हुई भैंस का दूध निकालने का प्रभाव उसके दूध उत्पादक पर पड़ता है। 2 से 4 हफ्ते तक यदि अगर ठीक से दोहान न किया तो भैंस कम दूध देती है। इसलिए तेजी से दूध निकालने वाले ग्वाले या ग्वालिन की आवश्यकता होती है।
देशी गाय, हाॅलस्टीन एवं भैंस का प्रजनन भिन्न है। देशी गाय अप्रैल से जून तक गर्भित होती है जबकि हाॅलस्टीन गाय कभी भी गर्भित हो सकती है। भैस सितम्बर से जनवरी तक की अवधि में ही गर्भित होती है।
जिगर के कीड़े इस बीमारी को ‘फैसियोलासिस’ भी कहते हैं। यह पत्तीदार पौंधों में पनपने वाला ‘जिगर’ का कीड़ा है। इसका जीवन चक्र चित्रा में दर्शाया गया है। यह परजीवी अपने चक्र को गाय, भेड़, बकरी, भैंस तथा घोंघें में पूरा करता है। यह परजीवी घास में रहता है।
भैंस में गर्भपात की समस्या प्रायः भैंस छठवें महीने में या तीसरे महीने में गर्भपात करती हैं। छठे महीने का गर्भपात ‘बूर्सेलोसिस’ की वजह से होता है। यह संक्रामक रोग है। इसलिए रोगी भैंस को अन्य भैंसों से अलग रखना चाहिए। साथ ही उसके ‘जेर’ और उसके अविकिसित बच्चें को नंगे हाथों से नहीं छूना…
गूजर-एक जीवित इतिहास गूजर (गुज्जर) मूलतः ‘गो-पालक’ थे, इसलिए उन्हें ‘गो-चर’ भी कहा जाता है। ‘गूजर’ संस्वमत शब्द है। यही शब्द बाद में बदलकर ‘गुज्जर’ हो गया। गुजरात नाम भी गूजर से ही जुड़ा है। गुजरात को गूजरों का आदि स्थान बताया जाता है।
जनसंख्या के आधार पर तथा ग्लोबल वार्मिंग की वजह से दुग्ध उत्पादन में कमी की सम्भावनओं को देखते हुए मुर्रा भैंस का दूसरी नस्ल की भैंसों से सम्वर्धन कराकर नई नस्ल की भैंस उत्पन्न की जा रही है। जिनका प्रचार दूध और मांस के लिए दक्षिणी यूरोप के देशों में हो रहा है।
यह भैंस एक व्यांत में 900 से 1300 लीटर दूध देती है। इसके दूध में 12 प्रतिशत फैट होता है। तथा आनन्द (खेरा, गुजरात) में अधिक पायी जाती है। यह स्वभाव से बहोत विनम्र होती है और उचित मात्रा में दूध उत्पादन करती है | यह भैंस डेरी उद्योग के लिए अच्छी मानी जाती है…