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शूक्ष्मदर्शी में बबेसिया से ग्रसित कुत्ते के खून की स्लाइड
यह रोग वाहय परजीवियों से होती है। इस रोग होने में 2 सप्ताह का समय लगता है। इसके लक्षण इतने हल्के होते है कि इस रोग की पहचान करना बहुत कठीन है| इसमें रक्त की कमी हो जाती है तथा रक्त की लाल कणिकाऐं (RBC) टुट जाती है जिसके कारण वुफत्ते में एनिमिया या खून की कमी हो जाती है। यह शिकार पर जाने वाले वुफत्तों में अधिक होती है। गर्मियों में जब कलीलियों का प्रकोप अधिक होता है तो यह रोग अधिक होता है।
लक्षण
इस रोग में कुत्ता अधिक कमजोर हो जाता है। उसका पेट फूल जाता हैं। उसके पेशाब में खून भी आ जाता है और कुत्ते के मल का रंग भी बदल जाता है। इस रोग की पहचान खून की जांच से माइक्रोस्कोप द्वारा की जा सकती है।
उपचार
इसका उपचार अपने पशु चिकित्सक से करायें। तथा कुत्ते के स्वस्थ होने का पता खून की जांच से ही चलता है। इस रोग
से छुटकारा पाने के लिए शरीर पर कलीली न लगने दे।