Author: UK Atheya

गिनी मुर्गा से परिचय
यह मूलरुप से अफ्रीका में पाया जाने वाला पक्षी है। यह तीतर प्रजाति का पक्षी है। इसका वजन 1 किग्रा से 1.5 किग्रा हो जाता है।
read more
कड़कनाथ मुर्गी पालन से परिचय
यह मराठवाडा की भारतीय नस्ल की मुर्गी है इसको रोग नही लगता है और यह अकाल वाले स्थानों पर औरतो की जीविका का साधन है इसके शरीर में प्रोटीन अधिक मात्रा में होती है और वसा या जर्भी कम मात्रा में होती है। इसका मांस काले रंग का होता है इसलिए इसे काली मांसी भी…
read more
मुर्गी का टीकाकरण
7 से 4 दिन के बीच में मर्क रोग का टीका लगाया जाता है। 14 से 18 दिन में रानीखेत का टीका लगाया जाता है जिसकी की एक बूंद आंख में डाली जाती है। 15 दिन पर कम्बोरो का टीका लगाया जाता है।
read more
ब्रुडिंग (अंडे से बच्चे निकालना)
देशी कुडक मुर्गी लेकर किसी पोल्ट्री के ऐसे स्थान से अंडे लें जहां कि मुर्गा मुर्गियों के साथ रहता हो। यह ऋषिकेश में श्यामपुर के सरकारी पोल्ट्री फार्म से प्राप्त किये जा सकते है। यहां से एक दिन के 20 बच्चे लेकर कुडक मुर्गी के साथ छोड देंगें तो वे भी इन्हें गर्मी देकर पाल…
read more
आंगन में पाली जाने वाली मुर्गियों का आवास
मुर्गियां साग-सब्जी एवं बोए गए फसल को खा जाती है ये गंदगी एवं बदबूं करती है इसलिए इनको बन्द करके रखना आवश्यक है। 15 मुर्गियों के रखने के आवास का चित्रण नीचे दिया जा रहा है।
read more
गोबर हटाने का यांत्रिकरण
आज-कल डेयरी उधोग में गोबर हटाने मशीन उपलब्ध है। इसके लिए विशेष प्रकार की डेयरी बनाई जाती हैं जिसकी लागत 10 लाख रुपये के आस-पास आती है।
read more
अच्छी गाय के साथ अच्छा दुहने वाला भी जरूरी
गाय बेशक दूध की ‘ए.टी.एम’ यानि आटोमेटिक मशीन की तरह है। मगर ध्यान रहे अगर इसे दुहने वाला अनाड़ी है तो ये जादुई मशीन बेकार भी हो सकती है। अगर ढंग से दूध नहीं दुह पाये तो वह धीरे-धीरे दूध देना ही बंद कर देगी।
read more
चारे का साईलेज (अचार) बनाना (Stored Fodder- Silage)
बरसात में जब अधिकाधिक मक्का की खेती होती है। जब मक्का को काटकर आॅक्सीजन रहित स्थान पर 45 दिन तक रखने से मक्का साईलेज बनता है। इसे गाय भैंस को खिलाकर अधिक दूध उत्पादन कर सकते है।
read more
मोरंगा या सहेजन की खेती
मोरंगा या सहेजन की पत्ती कम वर्षा वाले क्षेत्रों में पशुओं के लिए साल भर चारा प्राप्त कराती है। यह 100 मिट्रिक टन चारा प्रति हेक्टेअर एक बार फसल लगानें से 3 वर्ष तक फसल देती है।
read more
हाइड्रोपोनिक द्वारा चारा उगाना
पशुओं के लिए चारा उगाना घास का चारा घास के बीजों से डेयरी पशुओं तथा मुर्गी, सूअर और बकरी के लिए उगाया जा सकता है। यदि हम वातावरण में कार्बन डाॅइ आॅक्साइड की मात्रा को बढ़ा दें तो 8 दिन से पहले भी चारा उगाया जा सकता है।
read more