वर्मिंग कम्पोज (केंचुओं की खाद)

हम सभी अच्छी तरह जानते हैं कि भूमि में पाये जाने वाले केंचुए मनुष्य के लिए बहुपयोगी होते हैं। मनुष्य के लिए इनका महत्व सर्वप्रथम सन् 1881 में विश्व विख्यात जीव वैज्ञानिक चाल्र्स डार्विन ने अपने 40 वर्षों के अध्ययन के बाद बताया। इसके बाद हुए अध्ययनों से केंचुओं की उपयोगिता उससे भी अधिक साबित…

कुइल फार्मिंग या बटेर पालन

यह 150 ग्राम से 200 ग्राम के वजन वाली चिडिया है। 2. इसका अंडा 7 से 15 ग्राम का होता है। यह 2 माह की उम्र में ही अंडा देना शुरु कर देती है। यह पहले वर्ष में 300 अंडे देती है। इसके अंडे डायबीटीज और ब्लड़ प्रेशर में लाभकारी होते है। इसके मांस से…

बत्तक पालन के लाभ

इनको किसी विशेष आवास की आवश्यकता नही होती है। यह मुर्गी से 40 से 50 अंडे अधिक देती है। बत्तक का अंडा मुर्गी के अंडे की तुलना में 15 से 20 ग्राम अधिक होता है। बत्तक के बच्चों का पालन-पोषण मुर्गी के बच्चों की तुलना में आसान है क्योंकि इनमें रोग कम लगते है। बत्तक…

गिनी मुर्गा से परिचय

यह मूलरुप से अफ्रीका में पाया जाने वाला पक्षी है। यह तीतर प्रजाति का पक्षी है। इसका वजन 1 किग्रा से 1.5 किग्रा हो जाता है।

कड़कनाथ मुर्गी पालन से परिचय

यह मराठवाडा की भारतीय नस्ल की मुर्गी है इसको रोग नही लगता है और यह अकाल वाले स्थानों पर औरतो की जीविका का साधन है इसके शरीर में प्रोटीन अधिक मात्रा में होती है और वसा या जर्भी कम मात्रा में होती है। इसका मांस काले रंग का होता है इसलिए इसे काली मांसी भी…

मुर्गी का टीकाकरण

7 से 4 दिन के बीच में मर्क रोग का टीका लगाया जाता है। 14 से 18 दिन में रानीखेत का टीका लगाया जाता है जिसकी की एक बूंद आंख में डाली जाती है। 15 दिन पर कम्बोरो का टीका लगाया जाता है।

ब्रुडिंग (अंडे से बच्चे निकालना)

देशी कुडक मुर्गी लेकर किसी पोल्ट्री के ऐसे स्थान से अंडे लें जहां कि मुर्गा मुर्गियों के साथ रहता हो। यह ऋषिकेश में श्यामपुर के सरकारी पोल्ट्री फार्म से प्राप्त किये जा सकते है। यहां से एक दिन के 20 बच्चे लेकर कुडक मुर्गी के साथ छोड देंगें तो वे भी इन्हें गर्मी देकर पाल…

आंगन में पाली जाने वाली मुर्गियों का आवास

मुर्गियां साग-सब्जी एवं बोए गए फसल को खा जाती है ये गंदगी एवं बदबूं करती है इसलिए इनको बन्द करके रखना आवश्यक है। 15 मुर्गियों के रखने के आवास का चित्रण नीचे दिया जा रहा है।